प्रियंका गोस्वामी की प्रारंभिक शिक्षा नागदा के ग्रामीण स्कूल एवं माध्यमिक शिक्ष मंडल रतलाम के सेंट जोसेफर स्कूल में हुई। बाद में 12th तक विद्या सागर स्कूल में पढ़ाई की। पढ़ाई करने के बाद कोटा में PMT की तैयारी की। BBA , MBA , IMS देवी आहिल्या विश्व विद्यालय से शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद स्टर्लिंग हॉस्पिटल में एक वर्ष तक मैनेजर के पद पर रही।
प्रियंका गोस्वामी का विवाह नाहरगढ़ के डॉ. मुकेश गोस्वामी के साथ हुआ। विवाह पश्चात प्रियंका गोस्वामी ने नाहरगढ़ में कुछ बदलाव लाने की कोशिश की। साथ ही अपने पति डॉ, मुकेश गोस्वामी के साथ कंधे से कंधा मिलकर साथ दिया। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान पहली बार भाजपा के लिए काम करते हुए चुनावी प्रचार किया। लोकसभा चुनाव पश्चात जिला पंचायत मंदसौर के चुनाव आए। श्रीमती प्रियंका गोस्वामी और उनकेपति डॉ. मुकेश गोस्वामी का संगठन के प्रति लगाव देखते हुए वार्ड नं. 9 जो की एक महिला वार्ड था उसमे सदस्य के रूप में श्रीमती प्रियंका गोस्वामी को पार्टी की ओर से अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया। मतदाताओं ने भी इस शिक्षित चेहरे ओर कुछ कर गुजरने की चाह रखने वाली प्रियंका गोस्वामी को विकास का अग्रदूत मान ऐतिहासिक मतों से विजयश्री दिलाई जो पूरे मध्यप्रदेश में जिला पंचायत सदस्य के रूप में सबसे अधिक मतों की जीत थी। उसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में भाजपा संगठन ने श्रीमती प्रियंका डॉ. मुकेश गोस्वामी को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जिसका निर्वहन श्रीमती प्रियंका गोस्वामी बखूबी निभारही है।
जहां तक उच्च शिक्षा और योग्यता की बात कही जाये तो पूरे मध्यप्रदेश में मात्र मंदसौर जिला की जिला पंचायत की है जहां पर MBA होने के बाद गांव के विकास की जिम्मेदारी श्रीमती प्रियंका गोस्वामी को मिली है।जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर काबिल होने के बाद श्रीमती प्रियंका गोस्वामी का एक ही उद्देश्य रहा वो था मंदसौर जिले की ग्राम पंचायतों एवं ग्रामीणों का विकास और अपने इस उद्देश्य में मात्र एक साल के अंदर श्रीमती प्रियंका गोस्वामी ने वो कर दिखाया जो शायद असंभव सा था। गांव - गांव जाकर जनजागरण काम किया, संगठन ने जो जवाबदारिया सौंपी उनका निर्वहन पूरी ईमानदारी से किया।
Priyanka Goswami's primary education was at Nagda's rural school and secondary school in St Joseph's School, Ratlam. Later, she attended Vidya Sagar School till 12th. After studying, preparing PMT in Kota. BBA, MBA, IMS, received education from Goddess Ahilya University. After this, he was in the rank of manager for a year in Stirling Hospital.
Priyanka Goswami is married to Dr. Mukesh Goswami of Nahargarh. After marriage Priyanka Goswami tried to make some changes in Nahargarh. Together with her husband Dr., Mukesh Goswami, together with shoulders, shoulder together. During the assembly and Lok Sabha elections for the first time, working for the BJP campaigned for election. Elections in the district panchayat Mandsaur after the Lok Sabha election. Looking at Mrs Priyanka Goswami and her husband Dr. Mukesh Goswami's attachment to the organization, ward no. 9 who was a woman ward, as a member, Mrs Priyanka Goswami was declared an official candidate from the party. The electorate, who also wanted to go through this educated face and doing something, passed Priyanka Goswami as the forerunner of development with historic votes, which was the victory of the most votes in the entire state of Madhya Pradesh as district panchayat. After that as the District Panchayat Chairperson, the BJP organization handed over this important responsibility to Mrs. Priyanka Dr. Mukesh Goswami, whose discharge was borne by Mrs. Priyanka Goswami.
As far as the matter of higher education and qualification is concerned, the whole of Madhya Pradesh is merely the district panchayat of Mandsaur district, where after receiving the MBA, the responsibility for the development of the village has been given to Mrs. Priyanka Goswami.After achieving the post of Zila Panchayat Chairman Smt. Priyanka Goswami's only purpose was that the development of village panchayats and villagers of Mandsaur district and only one in this purpose Within a year, Mrs. Priyanka Goswami showed that what was probably impossible. The village- Janajagaran did the work, the organization entrusted by the responsibilities handed over to them honestly.